Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -04-Mar-2022 सशक्तिकरण

सशक्तिकरण

नारी कब अबला हुई
यह तो तुमने सोचा
उसके कोमल हृदय को
यूं ही तुमने तोला।
हर युग में पहचान रही
युगों से वह तो रही बराबर
शिवरात्रि तो आई दो बार
नवरात्रि की होती नौ रात।
देवी का तो सदा सम्मान
हर युग की है वह पहचान
गार्गी मैत्री अनसूया
विद्योत्तमा सीता सावित्री
राधा मीरा द्रोपदी बनी।
हर क्षेत्र में पहचान करी
हवाई जहाज वह तो उड़ाए
युद्ध में झांसी की रानी बन जाए।
पर्वत पर वह चढ़ती जाए
खेलों में नाम खूब कमाए।
कोई क्षेत्र ऐसा कहांँ
जिसमें परचम ना फहराए
कोमलता की मूरत
सृष्टि की सृजन हारी
भावनाओं को समझने वाली
घर को घर बनाने वाली है।
उसका तो सम्मान करो
सशक्तिकरण की बारी है।
ना तुम गर्भ में उसको मारो
सोचो जरा तुम तो विचारों
कन्या ना होगी तो
अपने बेटे कैसे ब्याहोगे?
सृष्टि कैसे चलेगी सोचो
इस पर तो तुम थोड़ा विचारों
कन्याओं को शिक्षा दो
अच्छे संस्कारों से पूरित कर दो।
देश खुशहाल तभी रहेगा
सोच अपनी जरा तुम बदलो
थोड़ा सा खुद को सुधारो
हर नारी का सम्मान करो
उसकी थोड़ी पहचान करो।।
               रचनाकार ✍️
               मधु अरोरा

            4.3.२०२२

प्रतियोगिता के लिए 



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6 Comments

Shrishti pandey

05-Mar-2022 11:10 AM

Very nice

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Abhinav ji

05-Mar-2022 08:59 AM

Nice

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Swati chourasia

05-Mar-2022 07:05 AM

Very nice 👌

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